पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा?
जब पैसों की शीघ्र आवश्यकता हो तो उन्हें जुटाने के कई विकल्पों में से पर्सनल लोन लेना बहुत अच्छा तरीका माना जाता है। यह आप ऑनलाइन भी ले सकते हैं और असुरक्षित पर्सनल लोन बिना कुछ गिरवी रखे भी मिल जाते हैं। और तो और, अन्य तरह के लोन की तुलना में पर्सनल लोन काफी कम समय में मिल जाते हैं। जैसे ज़ाईप एप से आप 5 मिनट से कम में ₹500000 तक का लोन ले सकते हैं। पर आपको तब ही लोन लेना चाहिए जब आपको इस बात पर विश्वास हो कि आप इसे आसानी से चुका सकेंगे। आइये देखते हैं लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा।
Table of Contents
Toggleपर्सनल लोन वापसी नियम –
हर बैंक और एनबीएफसी के पर्सनल लोन रीपेमेंट के नियम और शर्तें अलग-अलग होती हैं। मुख्य तौर पर यह सारी बातें होती हैं –
मासिक भुगतान – पर्सनल लोन को आमतौर पर हर महीने एक निश्चित राशि देकर चुकाया जाता है। यह अमाउंट लोन राशि, ब्याज दर, पुनर्भुगतान अवधि, आदि बातों पर निर्भर करता है।
लोन अवधि – इसका मतलब उतने महीने या साल जिसमें लोन चुकाने के लिए व्यक्ति सहमत होता है।
प्रीपेमेंट पेनल्टी – अगर कोई लोन अवधि से पहले पैसे चुकाना चाहता है तो उसपर यह पेनल्टी लग सकती है। यह आमतौर पर बकाया लोन राशि की कुछ प्रतिशत होती है।
लेट पेमेंट फीस – अगर आप समय से ईएमआई भुगतान नहीं करते हैं तो बैंक या एनबीएफसी यह पेनल्टी लगाती है।
पर्सनल लोन न चुकाने से जुड़े सम्बंधित नियम
आइये देखते हैं कि पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा और कैसे आप बहुत परेशानी में पड़ सकते हैं। अगर आपका लोन रीपेमेंट का चेक बाउंस होता है तो बैंक या एनबीएफसी आपके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर सकते हैं। इससे जेल भी हो सकती है। अगर लोन चुकाने की तारीख के 180 दिनों के बाद भी लोन भुगतान नहीं हुआ है तो लोन कंपनी आपके खिलाफ सिविल मुकदमा कर सकती है ताकि वह बकाया लोन राशि, ब्याज का पैसा और कानूनी खर्चे वसूल सके। अगर किसी व्यक्ति को किश्त भरने में परेशानी हो रही है तो उन्हें एकमुश्त निपटान अर्थात वन-टाइम सेटलमेंट का विकल्प मिल सकता है। इसमें लोन कंपनी आपसे कहती है कि आपको पूरा बकाया पैसा देने की ज़रूरत नहीं है। आपको उससे कम रकम देकर लोन बंद करने का विकल्प मिलता है।
लोन रिकवरी के सम्बन्ध मे आरबीआई की गाइडलाइन –
आरबीआई ने ये दिशा निर्देश अर्थात गाइडलाइन इसलिए जारी किए हैं ताकि लोन कंपनियां वसूली की प्रक्रिया में कुछ गलत न करे और नैतिकता कायम रखें.
रिकवरी एजेंट – कोई भी रिकवरी एजेंट गाली-गलौच, धमकी या हिंसा का प्रयोग नहीं कर सकता है। और उधार लेने वाले की जानकारी कानूनी रूप से अधिकृत संस्थाओं के अलावा किसी के साथ साझा करने की अनुमति नहीं है।
संचार – बैंक और एनबीएफसी को उधार लेने वाले को ज़रूरी जानकारी देते रहनी चाहिए जैसे बकाया राशि, पुनर्भुगतान तारीख, आदि। संचार सम्मानजनक होना चाहिए पर इतना अत्यधिक नहीं होना चाहिए कि ग्राहक के लिए असुविधाजनक हो जाए।
पारदर्शिता (Transparency) – लोन एग्रीमेंट में सारी ज़रूरी जानकारी जैसे ईएमआई अवधि, पेनल्टी शर्तें, ब्याज दर और बाकी शुल्क स्पष्ट रूप से लिखे होने चाहिए।
डेटा सुरक्षा – सारी बैंक और एनबीएफसी को लोन लेने वालों की निजी जानकारी को कहीं भी साझा नहीं करना चाहिए।
पर्सनल लोन ईएमआई का भुगतान नहीं करने पर क्या होगा?
पर्सनल लोन न चुकाने के नतीजे बहुत सारी बातों पर निर्भर करते हैं जैसे आपने कहाँ से लोन लिया है, कितनी किश्तें नहीं चुकाई हैं, लोन कंपनी की क्रेडिट पॉलिसी, आदि. पर लोन कंपनियां ऐसा कुछ कर सकती हैं –
रीपेमेंट तारीख से अगले 30 दिन तक – समय पर ईएमआई न चुकाने पर आपको लेट फी या पीनल चार्ज देना पड़ेगा। यह आमतौर पर बकाया राशि का कुछ प्रतिशत होता है। आपको लोन कंपनी द्वारा कॉल और मैसेज आना भी शुरू हो जाएंगे।
रीपेमेंट तारीख के 30-90 दिन तक- इतने ज़्यादा दिनों की देरी करने पर आपको लोन कंपनी से और ज़्यादा कॉल और मैसेज आने लग जाएंगे। लोन पर ब्याज और जुर्माना भी बढ़ता जाएगा। आप जितनी देरी से भुगतान करेंगे, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही ख़राब होगा जिसकी वजह से भविष्य में लोन मिलने में ज़्यादा परेशानी होगी।
रीपेमेंट तारीख के 90 दिन के बाद – 90 दिन बीत जाने के बाद लोन को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) माना जाता है। यह भी संभव है कि लोन संस्था आपकी जानकारी किसी कलेक्शन एजेंसी को दे दे। ऐसा होने पर आप से पैसे निकलवाना एजेंसी की ज़िम्मेदारी होती है। यह परेशानी भरा अनुभव हो सकता है।
भुगतान न करने पर बैंक या एनबीएफसी आपके ऊपर केस भी कर सकती है और अगर आपने कुछ गिरवी रखा है तो उसे ज़ब्त भी कर सकती है।
अब आप जान गए हैं कि लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा।
क्या होता है अगर पर्सनल लोन ईएमआई का भुगतान नहीं किया जाता है
अगर आप पर्सनल लोन ईएमआई का भुगतान नहीं करते हैं, तो इसके कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं। सबसे पहले, लोन कंपनी आपसे देरी के लिए लेट पेमेंट फीस और पीनल्टी चार्ज लेगी। समय पर ईएमआई न चुकाने पर आपका क्रेडिट स्कोर भी बुरी तरह प्रभावित होता है, जिससे भविष्य में लोन मिलने में मुश्किल हो सकती है। अगर 90 दिनों से ज्यादा का समय बीत जाता है, तो लोन को नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया जा सकता है। इससे आपकी जानकारी किसी कलेक्शन एजेंसी को दी जा सकती है, जो वसूली के लिए आक्रामक तरीके अपना सकती है। सबसे गंभीर स्थिति में, पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा यह इस पर निर्भर करता है कि आपने कहाँ से लोन लिया है। कर्ज न चुकाने की सजा में सिविल मुकदमा हो सकता है और आपके खिलाफ क्रिमिनल केस भी दर्ज किया जा सकता है, जिससे जेल भी हो सकती है।
क्या लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है
पर्सनल लोन नहीं चुकाने पर क्या होगा यह इस पर निर्भर करता है कि लोन कंपनी क्या कार्रवाई करती है। अगर आपका लोन चेक बाउंस होता है या आप बार-बार ईएमआई का भुगतान नहीं करते हैं, तो लोन कंपनी आपके खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कर सकती है। इस स्थिति में कर्ज न चुकाने की सजा के रूप में आपको जेल हो सकती है। अगर आप 180 दिनों के बाद भी लोन नहीं चुका पाते, तो लोन कंपनी आपके खिलाफ सिविल मुकदमा दायर कर सकती है ताकि वह बकाया राशि, ब्याज और कानूनी खर्चे वसूल सके। इसलिए, पर्सनल लोन नहीं भरा तो क्या होगा यह सोचने से पहले, अपनी भुगतान क्षमता का ध्यान रखें और समय पर ईएमआई चुकाने की कोशिश करें। लोन न चुकाने पर जेल हो सकती है, इसलिए हमेशा सतर्क रहें और किसी भी परेशानी से बचने के लिए समय पर भुगतान करें।
अगर कोई सुरक्षित लोन पर चूक करता है तो क्या होगा?
सुरक्षित लोन न चुकाने पर वित्तीय नुकसान और कानूनी कार्रवाई दोनों हो सकती है। आपके ऊपर लेट पेमेंट पेनल्टी लगेगी, क्रेडिट स्कोर कम होगा, लोन कंपनी के कॉल और मैसेज आएँगे, आपके नाम पर डिमांड नोटिस जारी होगा, आदि।
सिक्योर्ड लोन पर डिफ़ॉल्ट करने पर आप वह संपत्ति खो सकते हैं जो आपने गिरवी रखी है – जैसे ज़मीन, गाड़ी, गहने, आदि. बैंक या एनबीएफसी इन चीज़ों को बेचकर अपना पैसा वसूल सकती है। आपको हमेशा समय पर भुगतान करना चाहिए ताकि इन सब परेशानियों से दूर रहें।
क्रेडिट स्कोर पर पर्सनल लोन का भुगतान न करने का प्रभाव
लोन का भुगतान न करने से क्रेडिट स्कोर बुरी तरह प्रभावित होता है। जब आप भुगतान की तारीख पर पैसे नहीं चुकाते हैं, तो बैंक या एनबीएफसी क्रेडिट ब्यूरो को यह जानकारी देती है। आप जितनी ज़्यादा रीपेमेंट समय पर चुकाने में असफल होते हैं, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ज़्यादा कम होता जाता है। आप पैसा चुकाने में जितने ज़्यादा दिन लगाएंगे, आपका स्कोर भी उतना ही अधिक प्रभावित होगा।
इसके चलते अगर आपका क्रेडिट स्कोर 650 से कम हो जाता है तो आपको अपनी शर्तों पर लोन मिलने में बहुत परेशानी होगी।
अपना क्रेडिट स्कोर बढ़ाने के लिए हमेशा समय पर भुगतान करें। इसके लिए आप ज़ाईप जैसी एप का प्रयोग कर सकते हैं जहाँ आपको ऑटो-डेबिट की सहूलियत मिलती है।
पर्सनल लोन चुकाना बन सकता है समस्या
क्षमता से ज़्यादा लोन लेना –
लोग अक्सर पर्सनल लोन लेते समय यह गलती कर बैठते हैं। आप को इस बात की गांठ बाँध लेनी चाहिए कि आप सिर्फ उतनी ही राशि का लोन लेंगे जितना आप आसानी से चुका पाएं। इसके लिए आपको लोन लेते समय अपनी आमदनी, वर्तमान के खर्चे और भविष्य में आने वाले खर्चे जैसी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको हमेशा पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर का प्रयोग करके यह देख लेना चाहिए कि आपको अपनी सुविधा के अनुसार ईएमआई राशि पाने के लिए क्या पुनर्भुगतान अवधि चुननी पड़ेगी।
लोन एग्रीमेंट न पढ़ना –
लोन एग्रीमेंट पढ़ना यह सुनिश्चित करता है कि आपको लोन के सभी शुल्कों के बारे में पता है। इससे आपके ऊपर कोई अप्रत्याशित पैसों का बोझ नहीं आएगा।
बजट नहीं बनाना –
बजट न बनाने पर खर्चों को नियंत्रण में रखना मुश्किल हो सकता है जिसकी वजह से पर्सनल लोन चुकाने में समस्या आ सकती है।
यह भी पढ़ें: लोन क्या है और लोन कितने प्रकार के होते हैं?
निष्कर्ष:
आप जान चुके हैं कि पर्सनल लोन नहीं भरा तो क्या होगा। आपको पूरी कोशिश करनी चाहिए कि कभी आपकी ज़िन्दगी में ऐसी नौबत न आए कि लोन चुकाने के लिए पैसे कम पड़ जाएं। इसके लिए हमेशा मासिक बजट बनाएं, अपने खर्चों को ट्रैक करें, सैलरी आने पर सबसे पहले किश्त का भुगतान करें और ज़रूरत से ज़्यादा राशि का लोन न लें। अगर किसी वजह से पैसे कम पड़ जाते हैं तो आप कई चीज़ें कर सकते हैं जैसे लोन कंपनी से संपर्क कर के और समय की मोहलत मांग लें या नया लोन लेकर ऋण समेकन कर लें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
आप पर्सनल लोन पर डिफॉल्ट करने से कैसे बच सकते हैं?
आप लोन लेते समय इस बात पर ध्यान दें कि आपको हर महीने ईएमआई के रूप में कितना भुगतान करना पड़ेगा और तब ही लोन लें जब आप को विश्वास हो कि आप आसानी से यह पैसा चुका पाएंगे.
लोन डिफाल्टर के क्या अधिकार हैं?
लोन डिफ़ाल्टर को लिखित रूप में एक नोटिस प्राप्त करने का अधिकार है, बैंक या एनबीएफसी के प्रतिनिधि से बात करने का अधिकार है, लोन कंपनी के साथ समझौता करने का अधिकार है, उसकी संपत्ति की नीलामी के खिलाफ आपत्ति का अधिकार है, आदि.
लोन का सेटलमेंट कब होता है?
अगर कोई पूरे लोन की भरपाई करने में असमर्थ होता है तो लोन कंपनी उस व्यक्ति को सेटलमेंट का प्रस्ताव दे सकती है. इसमें व्यक्ति एक निश्चित राशि देकर लोन बंद करवा सकता है.
पर्सनल लोन नहीं चुकाने की सजा क्या है?
इसकी सजा बहुत सारी बातों पर निर्भर करती है जैसे देरी की अवधि, बकाया राशि, लोन कंपनी की पॉलिसी, आदि. आमतौर पर आपके ऊपर लोन कंपनी द्वारा जुर्माना लगाया जाता है और मुकदमा किया जा सकता है.
अगर मैं 6 महीने तक पर्सनल लोन ईएमआई का भुगतान नहीं करता तो क्या होता है?
अगर आप 6 महीन तक किश्त नहीं भरते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर खराब होता है, पेनल्टी चार्जेस लगते हैं और आपके ऊपर लोन कंपनी मुकदमा भी चला सकती है.
अगर मैं 1 महीने की पर्सनल लोन ईएमआई नहीं दे पा रहा हूं तो क्या होगा?
ईएमआई समय पर न देने पर आपको पीनल चार्जेज़ देने पड़ते हैं और बकाया राशि पर ब्याज भरना पड़ता है.
क्या मैं अपना पर्सनल लोन 6 महीने में चुका सकता हूं?
अगर आपको पर्सनल लोन 6 महीनों में चुकाना है तो लोन लेते समय उसी के अनुसार पुनर्भुगतान अवधि चुनें.
मैं पर्सनल लोन पर मूलधन का भुगतान कैसे करूं?
जब आप पर्सनल लोन की किश्त भरते हैं तो मूलधन और ब्याज दोनों का भुगतान हो जाता है.
जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला व्यक्ति कौन है?
जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला व्यक्ति वह है जो भुगतान की क्षमता होते हुए भी जानबूझकर लोन का भुगतान नहीं करता। ऐसा व्यक्ति क्रेडिट अनुशासन का उल्लंघन करता है और कानूनी कार्रवाई का सामना कर सकता है।
मैंने 10 साल से अपने पर्सनल लोन की EMI नहीं चुकाई है। मैं लोन का समाधान कैसे कर सकता हूँ?
अगर आपने 10 साल से ईएमआई नहीं चुकाई है, तो आपको तुरंत लोन कंपनी से संपर्क करना चाहिए। आप लोन सेटलमेंट या वन-टाइम सेटलमेंट का विकल्प ले सकते हैं, जिसमें आप एक निश्चित राशि देकर लोन को बंद कर सकते हैं।
पर्सनल लोन माफ हो सकता है क्या?
सामान्यतः पर्सनल लोन माफ नहीं होता है। हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में जैसे प्राकृतिक आपदा या मृत्यु के मामलों में, लोन कंपनी माफी या राहत दे सकती है।
अगर मैं डिफाल्टर हूं तो क्या मुझे लोन मिल सकता है?
डिफाल्टर होने पर नया लोन मिलना मुश्किल हो सकता है, क्योंकि आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है। हालांकि, कुछ लोन कंपनियां उच्च ब्याज दर पर लोन दे सकती हैं।
पर्सनल लोन का सेटलमेंट कैसे करें?
पर्सनल लोन सेटलमेंट के लिए लोन कंपनी से संपर्क करें। वे आपको एक निश्चित राशि का प्रस्ताव देंगे, जिसे चुकाने पर आपका लोन खाता बंद हो जाएगा। इस प्रक्रिया को वन-टाइम सेटलमेंट भी कहा जाता है।
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